पुष्यमित्र शुंग द्वारा की गई प्रतिक्रांति के संबंध में डा. बाबासाहब अम्बेडकर 6 जून 1950 को कोलंबो (श्रीलंका) में दिये अपने भाषण में कहा !

 


पुष्यमित्र शुंग द्वारा की गई प्रतिक्रांति के संबंध में डा. बाबासाहब अम्बेडकर 6 जून 1950 को कोलंबो (श्रीलंका) में दिये अपने भाषण में कहते हैं, “ब्राह्मणी शासनाधिकार की एक बहुज बड़ी घटना मौर्य साम्राज्य का पतन होने में दिखायी देती है। भारतीय इतिहासकारों ने इस महान घटना को महत्व नहीं दिया, यह खेद जनक बात है। मूलत: यह भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी घटना है।
अंतिम मौर्य सम्राट महाराज बृहद्रथ का सेनापति पुष्यमित्र नामक एक ब्राह्मण था। पतंजली की सलाह पर सेनापति शृंगवंशिय पुष्यमित्र ने राजा बृहद्रथ की हत्या की और मौर्य वंश की जगह अपने शृंगवंश के नाम से राज स्थापित किया। इस ब्राह्मणी राजा द्वारा बौद्ध धर्म को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाया गया। ब्राह्मण धर्म की पुनर्स्थापना करने के लिए किये गये कृत्यों में यह सबसे घिनौना कृत्य है। बौद्ध धर्म भारत से लुप्त होने के लिए कारण साबित हुआ। यह एक बड़ी ऐतिहासिक घटना थी।



” यह सर्वविदित है कि सम्राट अशोक का पन्तु राजा बृहद्रथ की हत्या कर पुष्यमित्र शृंग ने प्रतिक्रांति की। इस प्रतिक्रांति के पश्चात इस देश में ब्राह्मणों का वर्चस्व स्थापित हुआ। -वामन मेश्राम

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