आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता : राकेश टिकैत
नई दिल्ली : केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने होलिका दहन न करके कृषि कानून का दहन किया. किसानों तीनों कानूनों प्रतियां जलाकर होली मनाई. इस दौरान गाज़ीपुर बॉर्डर पर मौजूद भारतीय किसान यनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा. किसान कानूनों की प्रतियां जलाकर राकेश टिकैत ने कहा, हम एमएसपी की बात कर रहे हैं. हम पूरे देश में जाकर किसानों को संगठित कर रहे हैं, यह आंदोलन जारी रहेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों ने रविवार को ‘होलिका दहन’ के दौरान केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों की प्रतियां जलाईं. मोर्चा ने बयान में कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों ने सीमाओं पर होली मनाई और यह सुनिश्चित किया कि उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता. मोर्चे ने कहा कि पांच अप्रैल को ‘एफसीआई बचाओ दिवस’ मनाया जायेगा और देशभर में सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के कार्यालयों को घेराव किया जायेगा.
बयान में कहा गया, सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को समाप्त करने के लिए कई प्रयास किए हैं. पिछले कुछ वर्षों में एफसीआई का बजट भी घटा है. हाल ही में, एफसीआई ने फसलों की खरीद के नियमों में भी बदलाव किया है. एसकेएम ने हरियाणा विधानसभा में सार्वजनिक संपत्ति क्षतिपूर्ति वसूली विधेयक-2021 को पारित किये जाने की निंदा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य आंदोलनों को दबाना है.



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